मां लक्ष्मी धन की देवी हैं और उन्हीं की कृपा से मनुष्य को धन-वैभव की प्राप्ति होती है। नाम का अर्थ : ‘लक्ष्मी’ शब्द दो शब्दों के मेल से बना है- एक ‘लक्ष्य’ तथा दूसरा ‘मी’ अर्थात लक्ष्य तक ले जाने वाली देवी लक्ष्मी। मां लक्ष्मी, भगवान विष्णु की अर्धांग्नी हैं और क्षीर सागर में उनके साथ रहती है। दिवाली से पहले शरद पूर्णिमा पर माता लक्ष्मी का जन्मोत्सव माना जाता है। इसलिए दिवाली के दिन इनकी पूजा करने का विशेष महत्व होता है।दीपावली पर लक्ष्मी पूजन में करें लक्ष्मी आरती।
उल्लू को मां लक्ष्मी का वाहन माना जाता है, इसलिए उल्लू का दिखना बहुत अच्छा माना जाता है। मान्यता है कि उल्लू आर्थिक समृद्धि का सचूक होता है। शुक्रवार का दिन धन के देवी मां लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है। लक्ष्मी जी की आरती करने से इंसान को धन-वैभव के साथ समस्त सुखों की भी प्राप्ति होती है। लक्ष्मी जी को गुलाबी रंग एवं कमल फूल बेहद प्रिय होता है। सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए महालक्ष्मी के इस बीज मंत्र का करीब 108 बार जाप करना शुभ साबित होगा।
मां लक्ष्मी बीज मंत्र :
ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः:।।
लक्ष्मी जी की आरती
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं,नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि ।
हरि प्रिये नमस्तुभ्यं,नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥
पद्मालये नमस्तुभ्यं,नमस्तुभ्यं च सर्वदे ।
सर्वभूत हितार्थाय,वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत ।
हरि विष्णु विधाता ।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।
उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जगमाता ।
मैया तुम ही जगमाता, सूर्य चन्द्रमा ध्यावत ।
नारद ऋषि गाता ।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता ।
मैया सुख सम्पत्ति दाता, जो कोई तुमको ध्यावत ।
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।
तुम पाताल निवासिनि, तुम ही शुभदाता ।
मैया तुम ही शुभदाता, कर्मप्रभावप्रकाशिनी ।
भवनिधि की त्राता ।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।
जिस घर में तुम रहती, सब सद्गुण आता ।
मैया सब सद्गुण आता, सब सम्भव हो जाता ।
मन नहीं घबराता ।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता ।
मैया वस्त्र न कोई पाता, खान पान का वैभव ।
सब तुमसे आता ।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।
शुभ गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि जाता ।
मैया क्षीरोदधि जाता, रत्न चतुर्दश तुम बिन ।
कोई नहीं पाता ।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता ।
मैया जो कोई नर गाता, उर आनन्द समाता ।
पाप उतर जाता ।
।।ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता ।
।।ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।।
|| मां महालक्ष्मी की जय ||