Tuesday, December 24, 2024
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शिवजी की आरती || Shiv Ji Ki Aarti ||

दुनिया भर में भगवान शिव के अनेक भक्त हैं। भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए के लिए शिव आरती, शिव भजन और शिव मंत्रों का पाठ किया जाता है। भगवान शिव अर्थात पार्वती के पति शंकर जिन्हें महादेव, भोलेनाथ, आदिनाथ आदि कहा जाता है। भगवान भोलेनाथ के व्यक्तित्व के कई रंग हैं, इसलिए उन्हें ‘देवों के देव महादेव’ भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि शिव जी मात्र बेलपत्र और जल चढ़ाने से ही अपने भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं।

कहा जाता है कि भगवान शिव की आरती के बिना पूजा अधूरी मानी गई है। शिवजी की आरती घी लगी हुई रुई की बत्ती और कपूर से करनी चाहिए। जो भगवान शिव की भक्ति में रहते हैं उनकी पूजा अर्चना करते हैं। आइये हम भी भगवान शिवजी की आरती पढ़कर उनकी आराधना करते हैं।ॐ नमः शिवाय कहा जाता है कि इस मंत्र का जाप प्रतिदिन 108 बार किया जाए, तो ये व्यक्ति के शरीर और दिमाग को शांत करता है और महादेव भी उसपर अपनी कृपा बनाए रखते हैं।

शिवजी की आरती

शिवजी की आरती

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ॐ जय शिव॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ॐ जय शिव॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ॐ जय शिव॥

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ॐ जय शिव॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ॐ जय शिव॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ॐ जय शिव॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ॐ जय शिव॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ॐ जय शिव॥

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ॐ जय शिव॥

आशा करते हैं कि आपको शिवजी की आरती का ब्लॉग अच्छा लगा होगा। ऐसे ही ब्लॉग्स पढ़ने के लिए जानकारियां पर बने रहिए।

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