जानते हैं कब और कैसे हुई इस दिवस की शुरुआत, और थीम
विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास
विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास 1972 में राष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन (United Nations Conference on the Human Environment) के दौरान पहली बार चर्चा हुई थी। इस सम्मेलन को 5 जून से 16 जून 1972 तक स्टॉकहोम, स्वीडन में आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के मामूले और विश्वभर के मुद्दों पर चर्चा की गई थी। यह सम्मेलन पर्यावरणीय चेतना को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण प्रसारण स्तर था।
इस सम्मेलन के अध्यक्ष श्वेडिश विज्ञान मंत्री और बुद्धिजीवी गुंडर वेस्टमार्क (Gunnar W. Westman) थे, जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे पर बातचीत के लिए विश्व यात्रियों को इस सम्मेलन में एकत्रित किया। इस सम्मेलन का एक उपलब्धि था कि यह पहली बार पर्यावरण संरक्षण को वैश्विक रूप से मान्यता प्रदान करने वाला एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन था।
इस दिवस को प्रतिवर्ष 5 जून को मनाने का फैसला 1972 में हुआ और यह पहली बार 1974 में मनाया गया था। सालभर के इंतज़ार के बाद, विश्व पर्यावरण दिवस को अनेक लोगों, संगठनों और विभागों ने पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए उपयुक्त माध्यम बनाया है।
पर्यावरण दिवस का इतिहास महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन के माध्यम से लोगों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझाया जाता है और पर्यावरणीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इससे समुदाय के सदस्यों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता और जवानी की भागीदारी बढ़ती है और पर्यावरण संरक्षण की समस्याओं के समाधान के लिए सक्रिय कदम उठाए जाते हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस का महत्व
पर्यावरण दिवस का मुख्य संदेश है “पर्यावरण संरक्षण, पर्याप्तता और समृद्धि के लिए संगठित करना”। यह एक महत्वपूर्ण दिन है जिसके माध्यम से हम सभी को पर्यावरण के महत्व को समझने और संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझाने का अवसर प्रदान किया जाता है। यह दिवस जनता को पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों के महत्व को समझाने में महत्वपूर्ण रूप से योगदान करता है और समस्त मानवता को एकजुट होकर सामाजिक परिवर्तन की दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
विश्व पर्यावरण दिवस की वर्ष, थीम व मेजबान शहर
1974 | केवल एक पृथ्वी | स्पोकेन , संयुक्त राज्य अमेरिका |
1975 | मानव बस्तियां | ढाका , बग्लादेश |
1976 | जल- जीवन के लिए महत्वपूर्ण संसाधन | ओंटारियो , कनाडा |
1977 | ओजोन परत पर्यावरणीय चिंता, भूमिह्रास और मृदा निम्नीकरण | सिलहट , बांग्लादेश |
1978 | विनाश के बिना विकास | सिलहट , बांग्लादेश |
1979 | हमारे बच्चों के लिए केवल एक भविष्य – विनाश के बिना विकास | सिलहट , बांग्लादेश |
1980 | नए दशक के लिए एक नई चुनौती, विनाश के बिना विकास | सिलहट , बांग्लादेश |
1981 | भूजल, मानव खाद्य श्रृंखला में जहरीले रसायन | सिलहट , बांग्लादेश |
1982 | स्टॉकहोम के दस साल बाद (पर्यावरण संबंधी चिंताओं का नवीनीकरण) | ढाका , बग्लादेश |
1983 | खतरनाक कचरे का प्रबंधन और निपटान, अम्ल (ऐसिड) वर्षा और ऊर्जा | सिलहट , बांग्लादेश |
1984 | मरुस्थलीकरण | राजशाही , बांग्लादेश |
1985 | युवा- जनसंख्या और पर्यावरण | इस्लामाबाद , पाकिस्तान |
1986 | शांति के लिए एक पेड़ | ओंटारियो , कनाडा |
1987 | पर्यावरण और आश्रय- एक छत से अधिक | नैरोबी , केन्या |
1988 | जब लोग पर्यावरण को पहले रखेंगे, तो विकास टिकेगा | बैंकॉक , थाईलैंड |
1989 | ग्लोबल वार्मिंग, वैश्विक चेतावनी | ब्रुसेल्स , बेल्जियम |
1990 | बच्चे और पर्यावरण | मेक्सिको सिटी , मेक्सिको |
1991 | जलवायु परिवर्तन, वैश्विक भागीदारी की आवश्यकता | स्टॉकहोम , स्वीडन |
1992 | केवल एक पृथ्वी, देखभाल और साझा करें | रियो डी जनेरो , ब्राज़ील |
1993 | गरीबी और पर्यावरण – दुष्चक्र को तोड़ना | बीजिंग , पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना |
1994 | एक धरती एक परिवार | लंदन , यूनाइटेड किंगडम |
1995 | वी द पीपल्स- यूनाइटेड फॉर द ग्लोबल एनवायरनमेंट | प्रिटोरिया , दक्षिण अफ्रीका |
1996 | हमारी धरती, हमारा आवास, हमारा घर | इस्तांबुल , तुर्की |
1997 | पृथ्वी पर जीवन के लिए | सियोल , कोरिया गणराज्य |
1998 | पृथ्वी पर जीवन के लिए – हमारे समुद्रों को बचाएं | मास्को , रूसी संघ |
1999 | हमारी पृथ्वी – हमारा भविष्य – बस इसे बचाओ! | टोक्यो , जापान |
2000 | द एनवायरनमेंट मिलेनियम – टाइम टू एक्ट | एडिलेड , ऑस्ट्रेलिया |
2001 | वर्ल्ड वाइड वेब ऑफ लाइफ से जुड़ें | टोरिनो , इटली और हवाना, क्यूबा |
2002 | धरती को एक मौका दो | शेन्ज़ेन , चीन जनवादी गणराज्य |
2003 | पानी – दो अरब लोग इसके लिए मर रहे हैं! | बेरूत , लेबनान |
2004 | वांटेड! समुद्र और महासागर – मृत या जीवित? | बार्सिलोना , स्पेन |
2005 | हरे शहर – ग्रह के लिए पौधे! | सैन फ्रांसिस्को , संयुक्त राज्य अमेरिका |
2006 | मरुस्थल और मरुस्थलीकरण – शुष्क क्षेत्रों को मरुस्थल न बनाएं! | अल्जीयर्स , अल्जीरिया |
2007 | पिघलती बर्फ – एक गर्म विषय? | लंदन , इंग्लैंड |
2008 | किक द हैबिट – टुवर्ड्स ए लो कार्बन इकोनॉमी | वेलिंगटन , न्यूजीलैंड |
2009 | आपके ग्रह को आपकी जरूरत है – जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए एकजुट हों | मेक्सिको सिटी , मेक्सिको |
2010 | कई प्रजातियां। एक ग्रह। एक भविष्य | रंगपुर , बांग्लादेश |
2011 | वन- प्रकृति आपकी सेवा में | दिल्ली , भारत |
2012 | हरित अर्थव्यवस्था- क्या इसमें आप शामिल हैं? | ब्रासीलिया , ब्राजील |
2013 | सोचो,खाओ,बचाओ. अपना फूडप्रिंट कम करें | उलानबटार , मंगोलिया |
2014 | अपनी आवाज उठाओ, समुद्र तल नहीं | ब्रिजटाउन , बारबाडोस |
2015 | सात अरब सपने। एक ग्रह। सावधानी से सेवन करें | रोम , इटली |
2016 | अवैध वन्यजीव व्यापार के लिए जीरो टॉलरेंस | लुआंडा , अंगोला |
2017 | लोगों को प्रकृति से जोड़ना – शहर में और जमीन पर, ध्रुवों से भूमध्य रेखा तक | ओटावा , कनाडा |
2018 | प्लास्टिक प्रदूषण को मात दें | नई दिल्ली , भारत |
2019 | वायु प्रदूषण को मात दें | चीनी जनवादी गणराज्य |
2020 | प्रकृति के लिए समय | कोलंबिया |
2021 | पारिस्थितिकी तंत्र बहाली | पाकिस्तान |
2022 | केवल एक पृथ्वी | स्वीडन |
2023 | प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान | कोटे डी आइवर , आइवरी कोस्ट |
सऊदी अरब भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखा लचीलापन पर ध्यान देने के साथ विश्व पर्यावरण दिवस 2024 की मेजबानी करेगा।
पर्यावरण दिवस पर नारे
- “संरक्षण के लिए संरक्षण करें।”
- “हर रोज़ पृथ्वी दिवस।”
- “पेड़-पौधों की हरियाली इसमें छुपी है हमारी ख़ुशहाली ।”
- “पृथ्वी बचाओ, जीवन बचाओ!”
- “पृथ्वी मूल्यवान है, इसे बर्बाद मत करो।”
विश्व पर्यावरण दिवस पर स्लोगन
- पर्यावरण को स्वच्छ बनायें, आओ पेड़ पौधे लगायें।
- पर्यावरण है, तो प्राण हैं, सबको होश में लाना है।
- जीवन में अगर पाना है उत्कर्ष, तो पर्यावरण रक्षा के लिए करो संघर्ष।
- काट दिए जो जंगल हमने तो बादल भी न बरसेंगे, न करेंगे जो पर्यावरण संरक्षण, तो पानी को भी तरसेंगे।
- पर्यावरण की रक्षा, मानवता की सुरक्षा, इस तरह से पर्यावरण बचाएँ, हर जन्मदिन में एक पेड़ लगायें।